" दादी सती का जिस के सर पे हाथ"
दादी सती का जिस के सर पे हाथ है,
धन्य हुआ वो, उसकी तो क्या बात है.
क्या बात है, क्या बात है, क्या बात है दादी की.
दादी सती का जिस के सर पे हाथ है,
धन्य हुआ वो, उसकी तो क्या बात है.
दादी नाम की नाव पे जो भी हुआ सवार है,
जिसे भरोसा दादी का, उसका बेडा पार है.
उसे डुबोये किसकी यह औकात है,
धन्य हुआ वो, उसकी तो क्या बात है.
दादी सती के नाम का जो दीवाना हो गया,
साथ है उसके जगदम्बा, संग ज़माना हो गया.
दूल्हे के संग जैसे चले बरात है.
धन्य हुआ वो, उसकी तो क्या बात है.
माँ की शरण में जो गया, कृपा मैया की पा रहा,
तू भी आजा द्वार पे, सेवक क्यों सकुचा रहा.
माँ की कृपा से बढ़ कर क्या सौगात है.
धन्य हुआ वो, उसकी तो क्या बात है.
धन्य हुआ वो, उसकी तो क्या बात है.
क्या बात है, क्या बात है, क्या बात है दादी की.
दादी सती का जिस के सर पे हाथ है,
धन्य हुआ वो, उसकी तो क्या बात है.
दादी नाम की नाव पे जो भी हुआ सवार है,
जिसे भरोसा दादी का, उसका बेडा पार है.
उसे डुबोये किसकी यह औकात है,
धन्य हुआ वो, उसकी तो क्या बात है.
दादी सती के नाम का जो दीवाना हो गया,
साथ है उसके जगदम्बा, संग ज़माना हो गया.
दूल्हे के संग जैसे चले बरात है.
धन्य हुआ वो, उसकी तो क्या बात है.
माँ की शरण में जो गया, कृपा मैया की पा रहा,
तू भी आजा द्वार पे, सेवक क्यों सकुचा रहा.
माँ की कृपा से बढ़ कर क्या सौगात है.
धन्य हुआ वो, उसकी तो क्या बात है.
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